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Best Top 25 Hindu Temples in western countries
Best Top 25 Hindu Temples in western countries
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अक्टूबर 11, 2020
हिंदू दुनिया का सबसे पुराना धर्म है। दुनिया में एक मात्र हिन्दू धर्म ही ऐसा है जहां पशु पक्षी, पेड़ पोधे, समुद्र नदियां, ऋषि मुनियों, सभी को पवित्र मान कर उनकी पूजा अर्चना की जाती है ।
इसके अलावा हम हमारी संस्कृति और परंपराओं के साथ अपने अच्छे संस्कार और शांति के लिए जाने जाते है। जो दुनिया भर के विभिन्न धर्म के लोगो को अपनी ओर आकर्षित करता है।
चाहे वो UAE हो या USA हिन्दू धर्म ने सभी पर अपनी अच्छी अलग छाप छोड़ी है।
||•VIDEO CREDIT•||
PHILOSOPHICAL MIND
इस लिए भारत के अलावा विदेशो में भी हिन्दू देवी देवताओं की पूजा अर्चना होती है।
जो दुनिया भर में सम्पूर्ण हिन्दू धर्म की शान है।
यदि हम भारत को छोड़ दें तो एशिया, नेपाल, फिजी, मॉरीशस, त्रिनिदाद और टोबैगो सहित और भी कई देश ऐसे है जहां हिन्दू मन्दिर स्तिथ है।
यहां तक कि वेस्टर्न कंट्रीज भी। यहां भारत के बाहर सबसे सुंदर और प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों की जानकारी हम आपके सामने रख रहे हैं। उम्मीद है आपको पसंद आयेगी।
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श्री वेंकटेश्वर मंदिर (SVT), ऑस्ट्रेलिया
हेलेंसबर्ग, एक ऐसा पवित्र स्थान जिसके चारों ओर हरी भरी पहाड़िया और पेड़ों की श्रृंखला हैं। ऐसे ही पवित्र और मन को मोहने वाले स्थान पर स्तिथ है श्री वेंकटेश्वर मंदिर।
यह ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले और आने वाले हिंदुओं के लिए एक प्रमुख पवित्र धार्मिक स्थान है,
जहाँ (श्री वेंकटेश्वर स्वामी) भगवान बालाजी यानिकि एवम् उनके साथ मां लक्ष्मी और देवी त्रिपुरसुंदरी तथा देवो के देव भगवान् शिव (श्री चंद्रमौलिसवर रुप में ) भक्तों को अपना आशीर्वाद दे रहे है।
हेलेंसबर्ग में स्तिथ श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर ऑस्ट्रेलिया का सबसे प्रभावशाली हिंदू मंदिर है।
समुद्र तल से मंदिर लगभग 121.92 METER ऊपर पहाड़ी इलाके में बसा है। इस मंदिर में मन को शांति प्रदान करने वाली एक दिव्य चेतना का अनुभव होता है। जो बिल्कुल ही अनूठा है।
यह मंदिर अपनी बेजोड़ वास्तुकला से दुनिया भर के लोगो को अपनी ओर आज भी आकर्षित करता है।
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राधा-माधव धाम, टेक्सास
राधा माधव धाम , या फिर कहे (बरसाना धाम, टेक्सास), यह मंदिर भगवान् श्री कृष्ण और राधाजी को समर्पित है।
ऑस्टिन में स्तिथ यह मंदिर और आश्रम परिसर टेक्सास का सबसे पुराना हिंदू मंदिर है।
मंदिर ऑस्टिन में निर्मित सर्व प्रथम हिंदू मंदिर और संयुक्त राज्य अमेरिका का सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है।
यह मंदिर लगभग 200 एकड़ से ज्यादा भाग में स्थित है।
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बीएपीएस श्री स्वामीनारायण मंदिर, यूनाइटेड किंगडम
(BAPS) श्री स्वामीनारायण मंदिर लंदन में ब्रिटेन का सर्व प्रथम प्रामाणिक हिंदू मंदिर है।
मंदिर पूरी तरह से हिंदू वहां बसने वाले हिंदू समुदाय द्वारा बनाया गया था जो भारत के बाहर सबसे बड़ा हिंदू मंदिर था।
इसके अलावा इस मंदिर को नेसडेन टेम्पल नाम से भी जाना जाता है।
यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण, राधा-कृष्णा, सीता-राम, पार्वती-शिव को समर्पित हैं।
यह (बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) संगठन का एक हिस्सा है और 1995 में प्रमुख स्वामी महाराज द्वारा इसका उद्घाटन किया गया था ।
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श्री शिव सुब्रमण्य मंदिर, फिजी
फिजी (
नाडी)
में स्तिथ (श्री शिव सुब्रमण्य मंदिर) फिजी में स्तिथ सबसे बड़ा हिंदू मंदिर है।
मंदिर हिंदू देवता मुरुगन (कार्तिकेय स्वामी) को समर्पित है जहां बड़ी संख्या में विदेशी भक्त आते है।
मंदिर प्राचीन द्रविड़ वास्तुकला तथा वास्तु वैदिक परंपरा को ध्यान में रखकर बनाया गया है।
मंदिर को पहली बार देखने पर लगता है कि यह अपनी पवित्र वास्तुकला के सिद्धांतों पर बिलकुल खरा उतरता है, जो दिखने में भव्य और मोहक लगता हैं।
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स्वामीनारायण अक्षरधाम (नॉर्थ अमेरिका)
न्यू जर्सी (US STATE), में स्तिथ यह स्वामीनारायण मंदिर B A P S संस्था का सबसे बड़ा स्वामीनारायण मंदिर है।
मंदिर लगभग 162 एकड़ में फैला हुआ है, इस मंदिर के निर्माण के लिए राजस्थान से आए 2000 कलाकारों ने अपने हाथों की कारीगिरी दिखाई थी।
उन्होने राजस्थानी और इटालियन मार्बल को अपने हाथों से तराश कर तैयार किया है।
मंदिर के अंदर अन्य कई देवी देवताओं की, मुर्तियाँ स्थापित की गई हैं। पर मुख्य मंदिर श्री स्वामीनारायण और गुणातीतानंद स्वामी का है।
इसके अलावा यहां कई और मंदिर भी है। जैसे कि श्री राधा और
कृष्ण मंदिर
, भगवान् शिव और पार्वती मंदिर, मां सीता तथा प्रभु श्रीरामजी और हनुमानजी मंदिर एवम् गणपतिजी मंदिर।
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नल्लूर कंदस्वामी मंदिर, श्रीलंका
(
श्रीलंका) के
जाफना
जिले में स्तिथ यह श्री नल्लूर कंदस्वामी मंदिर भगवान मुरुगन (कार्तिकेय स्वामी) को समर्पित है। मंदिर श्रीलंका के सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक है।
एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर होने के अलावा यह मंदिर लाखो भक्तों की आस्था का प्रतीक माना जाता है।
कंदस्वामी मुख्य मंदिर की स्थापना सन् 948 में तथा चौथे और वर्तमान मंदिर निर्माण सन् 1734 में डॉन जुआन' रघुनाथ महापाना मुदलियार ने किया था।
इस मंदिर का वार्षिकोत्सव कई करोड़ों हिंदू तीर्थयात्रियों के आकर्षण का केंद्र बन रहा है।
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श्री स्वामीनारायण मंदिर, कनाडा
("TORONTO" CITY IN ONTARIO, CANADA)
में स्तिथ B A P S श्री स्वामीनारायण मंदिर, कनाडा में अपनी तरह का सबसे बड़ा और B A P S स्वामीनारायण संस्था द्वारा निर्मित दुनिया में सबसे लोकप्रिय स्वामीनारायण मंदिर है।
मंदिर मुख्य रूप से स्वामीनारायण , राधा - कृष्ण , श्री हरि विष्णु अवतार भगवान श्रीराम और मां सीता तथा भगवान शिवजी और माता पार्वतीजी को समर्पित है।
मंदिर एक रूप से शिकारीबाधा प्रकार का जान पड़ता है, जिसको शिल्प शास्त्रों में अनुलक्षित सिद्धांतों के अनुसार बनाने की कोशिश कि गई है।
B A P S स्वामीनारायण संस्था, महंत स्वामी और उनसे पूर्व प्रमुख स्वामी महराज की अधियक्षता वाला वैश्विक आध्यात्मिक संगठन है ।
B A P S द्वारा निर्मित इस मंदिर को बनने में लगभग 547 दिनों का वक़्त लगा था, इसमें 24,000 से ज्यादा संगमरमर के नक्काशीदार इतालवी कैरारा और तुर्की से आये चुना पत्थर एवम् भारत के जयपुरी गुलाबी पत्थर से बनाया गया हैं।
यह मंदिर कनाडा में लगभग 47 हेक्टर में फैला है और मंदिर के अलावा यहां हिस्टोरिकल हवेली और हेरिटेज संग्रहालय हैं। इस भव्य मंदिर की नींव भी श्री प्रमुख स्वामी महाराज के द्वारा रखी गई थी।
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शिव और कृष्ण मंदिर, संयुक्त अरब अमीरात
UAE में बसा यह मंदिर भगवान शिव और कृष्ण मंदिर के रूप में प्रसिद्ध है। मंदिर काफी शानदार और बड़ा है।
शिव और कृष्ण मंदिर दुबई में भगवान शिव और कृष्ण को समर्पित है।
यह मंदिर दुबई में भारतीय वाणिज्य दूतावास के साथ मिलकर चलाया जाता है।
मंदिर की नींव पीएम मोदी के दौरे के बाद भूमिपूजन कर के रखी गई थी। मंदिर में कृष्ण, शिव और अयप्पा की मूर्तियां है। भगवान (श्री अयप्पा) जिन्हे भगवान श्री हरि विष्णु का एक अवतार माना जाता है और देखा गया है और कि भारत के दक्षिण एरिया में यानिकी विशिष्ट रूप से (केरल) में इनकी पूजा होती है।
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मध्य कैलाश मंदिर, दक्षिण अफ्रीका
मध्य कैलाश मंदिर साउथ अफ्रीका (मिड्रेंड) में स्थित है।
जो मुख्य रूप से देवो के देव महादेव को समर्पित है।
मंदिर SOUTH AFRICA हिंदुओं के बीच में लोकप्रिय स्थलों में से एक है।
यह मंदिर सभी दक्षिण अफ्रीकी प्रांतों में रहने वाले हजारों हिन्दू श्रद्धालुओं के लिए कई वर्षों से निरंतर सेवा यज्ञ कर रहा है।
इसके अलावा मंदिर नियमित रूप से कई संस्कृतिक कार्यक्रमको भी आयोजित करता हैं।
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श्री काली मंदिर, म्यांमार
म्यांमार (
बर्मा)
में स्तिथ श्री काली मंदिर अपनी बेजोड़ RAINBOW जैसी वास्तुकला के लिए जग प्रसिद्ध है।
मंदिर हिन्दू श्रद्धालुओं के बीच काफी लोकप्रिय है। श्री काली मंदिर को सन् 1871 में तमिल पर्यटकोंने कराया था।
मंदिर की वास्तुकला बेजोड़ और अद्भुत है, विशेष रूप से इसकी छत, जिसमें कई हिंदू देवताओं के चल - चित्र और पत्थर की नक्काशी की गई है ।
मंदिर का रखरखाव स्थानीय भारतीय समुदाय करता है।
यह मंदिर मां शक्ति के सबसे विकराल रूप मां काली को समर्पित हैं। यहां नाथलंग कन्या मंदिर भी है जो भगवान श्री हरि विष्णु का एक और प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है।
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श्री दुर्गा मंदिर, ऑस्ट्रेलिया
AUSTRALIA (MELBOURNE) में स्तिथ श्री दुर्गा मंदिर माता का सबसे बड़ा मंदिर है,
जो AUSTRALIA (MELBOURNE) कि 29 एकड़ जमीन में बसा है।
यह ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा और लोकप्रिय दुर्गा मंदिर माना जाता है,
यह पवित्र तीर्थस्थल एक हरे-भरे वातावरण के बीच स्थित है,
जो मन को एक अलौकिक मानसिक शांति प्रदान करता है।
लोग यहां अपनी विभिन्न समस्याएओ को लेकर मां के दरबार में आते है, पर SYDNEY की यह शक्ति उन्हें भी निराश होकर बिल्कुल नहीं भेजती।
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सागर शिव मंदिर, मॉरीशस
मॉरिशस जाते ही आपको भगवान शिव की करीब 32 METER ऊँची BRONZE से बनी मूर्ति के दर्शन होंगे।
जहां उसके अलावा मॉरिशस में कई हिन्दू मंदिर बसे हुए है, उनमें से ही एक है सागर शिव मंदिर।
सागर शिव मंदिर मुख्य रुप से भगवान शिव को समर्पित है और गोएव डी चाइन के द्वीप पर स्थित है।
वहां के हिंदुओं के लिए यह सुप्रसिद्ध पूजा स्थल है,
यह मंदिर देखने में काफ़ी रहस्यों से घिरा लगता हैं क्यूंकि यह मंदिर लैगून और मैंग्रोव के जंगल से घिरा है।
मॉरिशस टापू पर स्थित यह मंदिर विदेशी प्रवासीओ के बीच भी काफी प्रसिद्ध है। यह मॉरिशस द्वीप पर स्तिथ 3 सर्वश्रेष्ठ हिंदू मंदिरों में से एक है।
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Tividale तिरुपति बालाजी मंदिर, यूनाइटेड किंगडम
TIVIDALE, तिरुपति बालाजी मंदिर श्री वेंकटेश्वर बालाजी को समर्पित है जो श्री हरी विष्णुजी के प्रसिद्ध रूप है।
मंदिर इंग्लैंड के वेस्ट मिडलैंड्स में स्तिथ है।
यह यूरोप के सबसे बड़े मंदिरों में से एक है। मंदिर तिरुमाला तिरुपति की शैली में बना है।
इस मंदिर को भारत में स्तिथ तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर शैली से प्रेरणा लेकर डिजाइन किया गया था।
इस मंदिर में पूजे जाने वाले प्राथमिक देवता वेंकटेश्वर हैं। इसके अलावा मंदिर परीसर में उनकी पत्नी पद्मावती (अलामेलु देवी) मंदिर, हनुमानजी मंदिर, भगवान शिव, (मुरगन स्वामी) यानी कार्तिकेय महाराज और उनके छोटे भाई गणेशजी, भगवान अयप्पन और नवग्रह के मंदिर भी हैं ।
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दत्तात्रेय मंदिर, त्रिनिदाद और टोबैगो
दत्तात्रेय मंदिर और हनुमान प्रतिमा (CARAPICHAIMA) TRINIDAD में एक प्रसिद्ध हिंदू स्थल है।
यह 85 फीट ऊंची हनुमान मूर्ति भारत के बाहर भगवान हनुमान की सबसे बड़ी मूर्ति है।
यहां के प्रमुख मंदिरों में श्री दत्तात्रेय स्वामी और श्री अनघा देवी, महा गणपति, श्री राजराजेश्वरी देवी, नवग्रह, भगवान श्री राम), और भगवान शिव है।
स्वामी सच्चिदानंद द्वारा सन् 1986 स्थापित में , 'श्री दत्तात्रेय योग केंद्र,' (CARAPICHAIMA) TRINIDAD में स्थित, सार्वजनिक रूप से एक 'अति सुंदर और प्रसिद्ध वास्तु कृति' के रूप में लोकप्रिय है।
जो दुनिया भर से कई पर्यटकों को अपनी और आकर्षित करता है। वर्तमान मंदिर की संरचना साउथ भारत की वास्तुकला द्रविड़ शैली के अनुसार डिजाइन की गई है।
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कैलाशनाथ महादेव मंदिर, नेपाल
कैलाशनाथ मंदिर भक्तपुर की सीम से 20 किमी दूर काठमांडू नेपाल में स्थित है। कैलाशनाथ महादेव कि प्रतिमा दुनिया में भगवान शिव की सबसे ऊंची प्रतिमा मानी जाती है।
कैलाशनाथ महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित हैं।
भगवान कैलाशनाथ की मूर्ति 143 FEET (45 METER) ऊंची है जो वहां का मुख्य आकर्षण है। इसे बनाने में तांबा, जस्ता, कंक्रीट और स्टील जैसी धातुओं का उपयोग किया गया है।
शिवजी की इस प्रतिमा के अलावा यहां नंदी महाराज, गणपतिजी और उनके वाहन मूषक एवम् मां पार्वती, कार्तिकेय की साथ में प्रतिमाएं बिराजमान है।
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ब्रह्मा एरावन मंदिर, बैंकाक, थाईलैंड
बैंकॉक थाईलैंड में स्तिथ यह मंदिर सन् 1956 में होटल ग्रैंड हयात एरावन ने बनवाया था। मंदिर लोकल भाषा में फ्रा फ्रॉम तथा ताओ महाप्रोम और दुनिया भर में ERAWAN SHRINE के नाम से प्रसिद्ध है।
यह मंदिर श्री ब्रह्माजी को समर्पित है। और यहां पर उनकी सोने की प्रतिमा स्थापित की गयी है। ब्रह्म देव के इस मंदिर की स्थापना के पीछे काफ़ी दिलचस्प स्टोरी बताई जाती है ।
होटल ग्रैंड हयात इरावन बनने के दौरान यहां कई नकारात्मक घटनाएं हुईं जिसमे कई मज़दूरो की मौत हुई। उसके बाद होटेल के मालिक द्वारा ज्योतिषियों की सलाह ली गई और ज्योतिषियों ने उन्हें यहां ब्रह्माजी का मंदिर बनाने का सुझाव दिया।
सुझाव को मानते हुए होटल द्वारा यहां तत्काल मंदिर का निर्माण किया गया। और इसके बाद जैसे कोई अलौकिक शक्ति का रक्षा कवच मिल गया हो वैसे आश्चर्यजनक रूप से इसके बाद होटल बनाने में कोई भी बाधा नही आयी।
इस मंदिर पर दर्शन करनेवालों और शॉपिंग करने वाले पर्यटकों की खासी भीड़ होती है।
9
ढाकेश्वरी मंदिर, बांग्लादेश
ढाका में ढाकेश्वरी मंदिर बांग्लादेश का राष्ट्रीय मंदिर और मां के इक्यावन शक्तिपीठों में से एक है।
भारत में स्तिथ दक्षिणेश्वर काली मंदिर की तरह ही यह भी एक सिद्ध एवम चमत्कारी शक्तिपीठ है।
मंदिर 12वीं शताब्दी में सेन राजवंश के बल्लाल सेन के द्वारा बनाया गया था।
जो विशेष रूप से नवदुर्गा के सबसे उग्र रूप मां काली को समर्पित हैं।
माता ढाकेश्वरी का मंदिर बांग्लादेश में हिंदुओं का सबसे अहम पूजा स्थल है।
8
प्रम्बानन मंदिर, इंडोनेशिया
इंडोनेशियाई शैली में बना यह मंदिर इंडोनेशिया के जावा में स्तिथ हैं।
जो हिंदू त्रिदेव ब्रम्हा विष्णु और महेश यानिकि भगवान शिव, भगवान श्री हरि विष्णु, और ब्रह्मा जी को समर्पित है।
यह मंदिर दक्षिण पूर्व एशिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है।
इसके परिसर में प्रमुख तीन मन्दिर है।
जो भगवान शिव, विष्णु और ब्रम्ह देव के हैं।
इसके अलावा शिव मन्दिर में देवीदुर्गा, गणेशजी और ऋषि अगस् त्य जी कि मूर्तियां है।
यहां भगवान ब्रम्हा - विष्णु - महेश जि की मूर्तियों के अलावा उनके वाहन नंदी, हंस और गरुडजी का मन्दिर हैं।
यह युनेस्को द्वारा प्रस्थापित (WORLD HERITAGE SITE) विश्व धरोहर स्थल है और लोकप्रिय पर्यटन एवम् तीर्थस्थान भी।
मंदिर दुनिया भर से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करता है।
7
अरुलमिगु श्री राजकलीमन ग्लास टेम्पल, मलेशिया
अरुलमिगु श्री राजकलीमन ग्लास मंदिर मलेशिया का मुख्य पर्यटक स्थल है, जो देश में केवल एक मात्र कांच से बना मंदिर है।
मंदिर को मलेशियाई बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान मिला है।
यह मंदिर भगवान श्री अरुलमिगु थिरुक्कुट्रानलथास्वामी को समर्पित हैं।
मंदिर, जोहर - बहरू के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक हैं। मंदिर की सोभा में वृद्धि करते बड़े चम चमाते झूमर, क्रिस्टल दरवाजे, खंभे, दीवारें और छत ऊर्जा का संचार करते नज़र आते हैं।
जो आंखो को अलोकिक लोक के दर्शन के साथ मन को अद्वितीय शांति प्रदान करता है।
मंदिर की छत करीब 10 सोने से निर्मित मूर्तियां हैं।
जो मानव जीवन के चक्र के पहलूओ, युवावस्था से लेकर वृद्धावस्था और वृद्धावस्था से लेकर मृत्यु तक के जीवन चक्र को दर्शाते हैं।
मंदिर में गौतम बुद्ध तथा गुरु नानक देवजी कि सफेद संगमरमर की मूर्तियाँ स्थापित की गई हैं। जो 120 सेंटीमीटर ऊँची हैं।
6
पुरा बेसकिह मंदिर, इंडोनेशिया
इंडोनेशिया (बाली) में पुरा बेसकीह मंदिर परिसर हिंदू धर्म का सबसे बड़ा मंदिर है। मंदिर बेसाकी गांव माउंट अगुंग में स्थित है।
पुरा बेसकीह में मुख्य 3 हिन्दू मंदिर हैं जो हिंदू त्रिमूर्ति भगवान ब्रम्हा, विष्णु और महेशजी को समर्पित हैं।
जब भी कभी इंडोनेशिया (बाली द्वीप) के सबसे खूबसूरत मंदिरों की बात होती है तो माउंट अगुंग में स्थित इस मंदिर की गिनती जरूर कि जाती है।
यहां ऐसा जान पड़ता है जैसे प्रकृति स्वयं पुरा बेसकिह मंदिर का स्वागत कर रही हो। बाली के इस मंदिर को सन् 1995 में यूनेस्को द्वारा (WORLD HERITAGE SITE) धरोहर का सम्मान भी मिल चुका है।
इस मंदिर में कई देवी-देवताओं की प्रतिमाएं स्थापित हैं, जो दुनियाभर से श्रद्धालु एवम् पर्यटको को अपनी और लुभाती है।
5
तनाह लोट मंदिर, इंडोनेशिया
यह मंदिर भी बाली में स्तिथ है तथा देनपसार से 20 किलोमीटर की दूरी पर बसा है जो तबानन रीजेंसी का एक महतत्वपूर्ण हिस्सा है।
तनाह लोट मंदिर समुद्र किनारे स्थित एक बहुत ही बडी चट्टान पर स्तिथ है।
तनाहलोट, बालीनीस तट के आसपास बने इंडोनेशिया के सात सुप्रसिद्ध समुद्री मंदिरों में से एक है।
मंदिर मुख्य रूप से देउना बरुना (वरुण देव) या भटारा सेगरा को समर्पित हैं, जिनको समुद्र देव के रूप में जाने जाते हैं।
फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए यह किसी स्वर्ग से कम नहीं। इस मंदिर की धार्मिक मान्यताएं एवम कथाएं भी काफी रोचक है।
माना जाता है कि बुरी आत्माओं और घुसपैठियों से इस मंदिर की सुरक्षा यहां रहने वाला एक विशाल विषेला सर्प करता हैं। जो इस मंदिर में एक पत्थर के नीचे रहता है। जिसे हम और आप शेषनाग के रूप में जानते हैं।
एक कहानी के अनुसार एक विशाल समुद्री सांप जो कि इस मंदिर के नीचे रहता है, और बूरी शक्तिओ से मंदिर की सुरक्षा करता है।
तानाहलोट विदेशी पर्यटकों के बीच विशेष रूप से लोकप्रिय है। मंदिर, कई शताब्दियों से बाली की पौराणिक संस्कृति का अभिन्न अंग है तथा बाली के प्रसिद्ध 7 समुद्री मंदिरों में से एक है।
4
अंगकोर वाट - मंदिर, कंबोडिया
कंबोडिया में स्तिथ यह एक बौद्ध और हिन्दू शैली का मंदिर है। इसकी दीवारों पर हिंदु - बौद्ध धर्म ग्रंथों के प्रसंगों तथा स्वर्ग की अप्सराओ की बहुत सुंदर की नक्काशी की गई है, उसके अलावा असुरों और देवताओं के बीच समुद्र मंथन की नक्कशी भी यहां दिखाया गया है।
अंगकोर वाट का मंदिर 162.6 हेक्टर / (16,26,000 वर्ग मीटर) / या (402 एकड़) में पसरा हुआ है।
जो सिर्फ़ हिन्दू धर्म का ही नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक माना जाता है,
अंगकोर वाट मंदिर हिंदू भगवान श्री हरी विष्णु को समर्पित है।
यह धार्मिक स्मारक दुनिया का सबसे बड़ा स्मारक होने के साथ कंबोडिया की एक अलग ही पहचान भी है।
इस मंदिर को कंबोडिया के राष्ट्रध्वज में भी स्थान दिया गया है
यह मंदिर विश्व के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थानों में से एक होने के साथ ही यूनेस्को के वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स कि लिस्ट में भी शामिल है।
3
पशुपतिनाथ मंदिर, नेपाल
पशुपतिनाथ मंदिर नेपाल का सबसे पवित्र स्थल है।
यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है।
यह मंदिर पशुपतिनाथ को समर्पित है और नेपाल की राजधानी काठमांडू से तीन किलोमीटर दूर देवपाटन गांव में बागमती नदी के तट पर स्थित है।
जहां गैर हिन्दूओ का प्रवेश वर्जित है।
यह भगवान पशुपतिनाथ का काशी के बाद मुख्य निवास माना जाता है।
यह मंदिर यूनेस्को द्वारा विश्व सांस्कृतिक विरासत स्थल की सूची में शामिल है।
पशुपतिनाथ से न सिर्फ नेपाल के हिन्दुओं की बल्कि भारत सहित दुनिया भर के हिन्दुओं की अतूट आस्था जुड़ी हुई है।
2
हिंगलाज माता मंदिर, पाकिस्तान
बात करते है, पाकिस्तान के उस मंदिर की जहां बिराजमान है राजराजेश्वरी, जगदंबिका परा अंबा मां हिंगलाज।
पाक के बलूचिस्तान में लासबेला जिले में हिंगोल नदी के किनारे बिराजमान है, मां जगदम्बिका परा अंबा हिंगलाज।
इस मंदिर में ना सिर्फ हिन्दू बल्कि मुस्लिम भी यहां अपना माथा टेकते हैं और मां के सामने नतमस्तक होते है।
माता हिंगलाज का यह धाम मां सती के 51 चमत्कारी एवम् सिद्ध शक्ति पीठों में से एक है।
जहां एक समय मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने इस सिद्ध शक्तिपीठ के दर्शन किए थे।
तथा हिंदू ग्रंथों में वर्णित कथाओं के अनुसार इस जगह पर भगवान परशुराम के पिता जमदग्नि ने भी यहां घोर तप किया था।
मां परा अंबा सदैव इस स्थान पर ज्योत के रुप में विराजकर अपने भक्तों की रक्षा करती हैं।
1
मुरुगन गुफा मंदिर, मलेशिया
बाटू CAVES मलेशिया के गोम्बैक में स्थित है जो भारत के बाहर सबसे लोकप्रिय तथा आकर्षक हिंदू मंदिरों में से एक है।
मंदिर भगवान शिव और माता पार्वती के ज्येष्ठ पुत्र कार्तिकेय स्वामि यानी मुरुगन भगवान को समर्पित है।
यहां भगवान मुरुगन की दुनिया में सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की गई है। भगवान् मूरगन कि प्रतिमा को बनाने में 2.5 MILLION मलेशियन रिंगित का खर्च हुआ था।
जबकि इस प्रतीमा को बनाने में 350 तो स्टील, 1,550 QUBIC METER कंक्रीट और 300 लीटर गोल्ड पेंट का इस्तेमाल किया गया था।
यहाँ की गुफाएं दुनिया भर में प्रसिद्ध पर्यटन स्थान है।
भारत में विशेष रूप से तमिल हिंदुओं का एक बहुत प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है
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